बारिश की वो आख़िरी शाम — रोमांटिक कहानी

शहर की हल्की बारिश शाम को और भी खुशनुमा बना रही थी। सड़क के दोनों तरफ़ पीली रोशनी वाली स्ट्रीट लाइटें पानी की बूंदों में चमक रही थीं। इसी बारिश भरी शाम में आरव और मीरा की मुलाक़ात हुई थी—एक ऐसी मुलाक़ात, जिसने दोनों की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी।
मीरा शहर की एक छोटी-सी आर्ट गैलरी में काम करती थी। उसे रंगों से, पेंटिंग्स से और बारिश से हमेशा एक खास लगाव रहा था। वो कहती थी कि बारिश उसे दिल के सबसे करीब ले आती है। उस दिन भी वो गैलरी की खिड़की के पास खड़ी होकर बाहर गिरती बूंदों को निहार रही थी, जब आरव पहली बार अंदर आया।
आरव एक शांत स्वभाव का लड़का था। अपनी कंपनी के प्रोजेक्ट के लिए किसी आर्टवर्क की तलाश में वह गैलरी पहुँचा था। उसकी नज़र जैसे ही मीरा पर गई, उसे लगा जैसे उसके आस-पास की दुनिया कुछ पल के लिए थम गई हो। मीरा की आँखों में मासूम सी चमक और चेहरे पर हल्की सी मुस्कान ने उसे पलभर में दीवाना बना दिया।
“हैलो, क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ?”
मीरा की आवाज़ ने आरव के ध्यान को उसकी तरफ खींच लिया।
आरव थोड़ा हिचकते हुए बोला, “हाँ… मुझे अपने ऑफिस की दीवार के लिए एक खास पेंटिंग चाहिए।”
मीरा ने उसे गैलरी दिखानी शुरू की। दोनों पेंटिंग्स देखते हुए बात करने लगे। बातें छोटी-छोटी थीं, पर हर बात में एक अनजाना सा अपनापन था। मीरा उसे रंगों के पीछे की कहानियाँ बताती हैं, और आरव हर कहानी को ऐसे सुनती हैं जैसे वो किसी फिल्म का खूबसूरत दृश्य हो।
बारिश तब तक और तेज़ हो चुकी थी। जब तक दोनों को पता चलता, एक घंटे से ज़्यादा हो चुका था। आरव ने एक पेंटिंग पसंद की—नीले और सफेद रंगों का मेल, जिसमें बारिश में खड़ी एक लड़की दिखाई दे रही थी।
मीरा ने मुस्कुराकर कहा, “ये मेरी पसंदीदा पेंटिंग है। इसे मैंने खुद बनाया है।”
आरव ने पहली बार मीरा की आँखों में कुछ अलग महसूस किया—एक गहराई, एक नरमी, और शायद… एक कहानी।
रिश्ते की शुरुआत
उनकी यह पहली मुलाक़ात धीरे-धीरे मिलने-जुलने में बदल गई। कभी कॉफ़ी, कभी आर्ट गैलरी, कभी पार्क में लंबी बातें— दोनों एक-दूसरे की आदत बन चुके थे। मीरा के पास दुनिया को देखने का एक अलग तरीका था, और यह तरीका आरव के दिल को बहुत पसंद आता था।
एक शाम, जब दोनों नदी किनारे बैठे थे, मीरा ने पूछा,
“तुम इतनी शांति से कैसे रह लेते हो, आरव?”
आरव ने थोड़ा लंबा जवाब दिया,
“शायद मैं शोर से दूर हूँ… लेकिन तुम्हारे साथ मैं पूरा महसूस करता हूँ।”
मीरा मुस्कुराई। उसने महसूस किया कि आरव का साथ उसे भी सुकून देता है। मगर उसके दिल में एक डर भी था—एक पुरानी चोट, जिसने उसे किसी पर भरोसा करने से रोक रखा था।
दूरी
कुछ दिन बाद, मीरा ने अचानक मिलने से मना करना शुरू कर दिया। उसके मैसेज छोटे और ठंडे हो गए। आरव ने कई बार पूछा कि क्या हुआ, पर मीरा ने हर बार टाल दिया।
एक दिन आरव गैलरी लेकर तो मीरा ने साफ़ कहा,
“आरव, मुझे अकेले रहने की आदत है। मैं… मैं इस रिश्ते को अभी आगे नहीं बढ़ा सकती।”
उसकी आँखों में आँसू थे, पर उसने उन्हें छिपा लिया।
आरव ने धीरे से कहा,
“मीरा… तुम चाहो तो मैं दूर हो जाऊँगा। पर अगर तुम्हें मेरी ज़रूरत हो, मैं हमेशा दब रहूँगा।”
उस दिन के बाद दोनों दूर हो गए।
बारिश के दिन अब आरव को पहले जैसे अच्छे नहीं लगते थे।
मीरा भी भले सामने शांत दिखाई देती, पर अंदर से हर दिन टूट रही थी। वह किसी और को दुख नहीं देना चाहती थी, इसलिए खुद अकेले रहने का फैसला कर चुकी थी।
बारिश की वो आख़िरी शाम
कई महीने बाद वही मौसम लौटा—हल्की-हल्की संरचनाएं, मिट्टी की खुशबू, और शहर में गहरी शांति। उस शाम मीरा गैलरी में एक नई पेंटिंग बना रही थी। उसकी आँखों के सामने वही मुस्कुराता हुआ चेहरा घूम रहा था—आरव का।
अचानक गैलरी का दरवाज़ा खुला।
मीरा ने सोचा कोई ग्राहक होगा, लेकिन जब उसने पीछे मुड़कर देखा, सामने आरव खड़ा था। हाथ में एक छतरी, चेहरे पर वही सुकून भरी मुस्कान।
“मीरा, इतनी बारिश में भी पेंटिंग?”
आरव ने धीरे से कहा।
मीरा कुछ पल उसे देखती रही। उसकी चौड़ाई भर लाने।
“आरव… मैंने तुम्हें बहुत मिस किया।”
आरव उसके पास आया और धीरे से बोला,
“तुम चाहो तो हम फिर से शुरू कर सकते हैं। तुम्हें समय चाहिए, मैं दनाल। तुम्हें डर है, मैं साथ चलन। लेकिन… मुझे तुम्हारा साथ चाहिए।”
मीरा ने पहली बार अपने डर को किनारे करके किसी को चुना। वह आरव के कंधे पर सर करके बोली,
“इस बार मत जाना… मैं भी नहीं जाऊँगी।”
बाहर बारिश अभी भी सुबह पड़ रही थी।
लेकिन अंदर उनके दिलों में जो बरसात थी, वह पहली बार साफ़ हुई थी।
नया सफ़र
कहते हैं कि कुछ रिश्ते बारिश की तरह होते हैं—धीरे-धीरे आते हैं, पर दिल को पूरी तरह भीगाकर जाते हैं।
आरव और मीरा ने भी अपनी एक नई शुरुआत की।
प्यार ने उन्हें सिखाया कि कभी-कभी खिले हुए दिल को सिर्फ सही इंसान का साथ ही जोड़ सकता है।
और उस दिन से, बारिश मीरा के लिए सिर्फ मौसम नहीं रही—वह उसकी और आरव की कहानी बन गई।
कहानी के पात्रों की तालिका
| पात्र का नाम | उम्र | कहानी में भूमिका विशेषता/स्वभाव |
|---|---|---|
| आरव | 28 | मुख्य पुरुष पात्र; मीरा के जीवन में प्यार और सुकून लाने वाला शांत, समझदार, धैर्यवान |
| मीरा | 26 | मुख्य महिला पात्र; कलाकार, आरव की प्रेमिका संवेदनशील, भावुक, कला-प्रेमी |
| गैलरी मालिक (रीना मैडम) | 45 | मीरा की बॉस; कहानी में हल्का-सा सहायक पात्र सहयोगी, सरल |
| आरव का दोस्त (समर्थ) | 29 | आरव को सलाह देने वाला, भावनात्मक सहयोग , व्यावहारिक |