मौन साक्षी – एक थ्रिलर कहानी

मौन साक्षी

मौन साक्षी – एक थ्रिलर कहानी रात गहरी थी। आधी के बीच बसा शांत कस्बा नवरंगपुर नींद में डूबा था। सड़कें खाली, दुकानों के शटर गिरे हुए, और हवा में ठंडक की एक पतली परत। लेकिन इसी खामोशी के बीच, पुराने रेलवे स्टेशन से एक अजीब-सी आवाज गूंज रही थी—कुछ बारिश या किसी के दौड़ने … Read more

सातवाँ कमरा – एक थ्रिलर कहानी

कमरा

सातवाँ कमरा – एक थ्रिलर कहानी पुराना पहाड़ी कस्बा धरनागढ़ अपनी खाली झाड़ियों और शांत गलियों के लिए मशहूर था, लेकिन उसी झाड़ियों के बीच एक ऐसी कोठी थी, जिसके बारे में लोग फुसफुसाहट में बात करते थे—वर्मा हवेली। कहते थे कि हवेली में बने सात कमरों में से छह तो सामान्य हैं, पर सातवाँ … Read more

खोई हुई चीख़ — एक थ्रिलर कहानी

खोई हुई चीख़ — एक थ्रिलर कहानी

खोई हुई चीख़ — एक थ्रिलर कहानी रात का वक्त था। पहाड़ों के बीच बसा शांत-सा कस्बा भीमगाँव मनो सो चुका था। लेकिन उस रात की खामोशी में एक बात अजीब थी—एक ऐसा सन्नाटा, जिसमें कुछ दबा हुआ-सा लगता था। मनो हवा खुद किसी चीख़ को छिपाने की कोशिश कर रही हो। इसी झरना में … Read more

मौत का आख़िरी सुराग

आख़िरी सुराग

मौत का आख़िरी सुराग शहर के पुराने हिस्से में बसा धनराज हवेली रोड कई सालों से वीरान पड़ा था। लोग कहते थे कि रात के बाद इस रास्ते पर कदम रखना अपने ख़तरे को बुलाना है। लेकिन क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर आरव राठौर के लिए डर जैसी कोई चीज़ बताती नहीं रहती थी। उन्हें वही … Read more

अंधेरे में छिपी परछाइयाँ – थ्रिलर कहानी 

छिपी परछाइयाँ

अंधेरे में छिपी परछाइयाँ – थ्रिलर कहानी  रात का समय था। दूर तक फैला जंगल पाने की तरह काला दिखाई दे रहा था। हवा में एक अजीब ठंडक थी, जैसे किसी ने अचानक आसपास की गर्मी चुरा ली हो। चांद बादलों के पीछे छिपा हुआ था, और उस आधे-अधूरे उजाले में पुराना “वीरांगढ़ हवेली” किसी … Read more