दुख खामोशियाँ

खामोशियाँ

दुख खामोशियाँ शहर के पुराने हिस्से में बने एक शांत, संकेरे सामानों में एक छोटा-सा कमरा था। उसी कमरे में अदिति अपनी माँ के साथ रहती थी। कमरा तो छोटा था, पर उसमें भरी खामोशी इतनी बड़ी थी कि बाहर के शोर भी उसके आगे खो जाते थे। अदिति शुरू से ही चुप रहने वाली … Read more